यदि एचआईवी के साथ जीने वाले व्यक्ति नियमित तौर पर अपनी दवाएँ लें तो वायरस उनके शरीर में दब जाते हैं और उनमें एचआईवी पता न लगने योग्य होता है और उन्हें अंडिटेक्टेबल कहा जाता है। दरअसल यह इतना दबा हुआ होता है कि रक्त की जाँच में भी वायरस का पता नहीं लग सकता है।
विज्ञान से यह तय हुआ है कि यदि कोई एचआईवी के साथ जीने वाले व्यक्ति अंडिटेक्टेबल हैं तो न केवल वह स्वस्थ हैं बल्कि वह किसी अन्य को भी एचआईवी से संक्रमित नहीं कर सकते। या, अंडिटेक्टेबल = अंट्रांसमिटेबल (U=U)।
कोई भी व्यक्ति तब तक अनडिटेक्टेबल रहेंगे जब तक वह निर्धारित दवाओं का सेवन करेंगे।
अंडिटेक्टेबल होने का यह मतलब नहीं है कि वह व्यक्ति एचआईवी से मुक्त हो गए हैं, यह एचआईवी की रोकथाम का मात्र एक कारगर उपाय है।
एचआईवी के साथ जीने वाली कई लोगों का वायरल लोड अंडिटेक्टेबल नहीं होता। वे अपने पार्टनर के साथ कंडोम क प्रयोग कर य उनके पार्टनर PrEP का प्रयोग कर वायरस का संचरण रोक सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए TheBody या www.UequalsU.org देखें। (अंग्रेजी भाषा स्रोत के लिए लिंक)